पं लोकमणि शर्मा स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी

राजकीय महाविद्यालय, माँट जनपद मथुरा

(सम्बद्ध: डाॅ बी आर अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा)

प्रवेश नियमावली


महाविद्यालय के स्नातक प्रथम वर्ष में योग्यता-क्रम में योग्यता (मैरिट) के आधार पर ही प्रवेश दिया जायेगा। इसके लिये प्रवेश सम्बन्धी कुछ नियम निर्धारित किये गये है। जिनके आधार पर प्रवेश समिति अभ्यर्थियों के प्रवेश हेतु अपनी संस्तुति देगी। नियम निम्नवत्‌ है :-

  1. इस महाविद्यालय अथवा किसी अन्य महाविद्यालय में अनुत्तीर्ण अभ्यर्थी को प्रवेश नहीं दिया जायेगा। केवल इस महाविद्यालय का अनुत्तीर्ण छात्र ही भूतपूर्व छात्र के रूप में विशवविद्यालय की परीक्षा में सम्मिलित हो सकेगा।
  2. संस्थागत छात्र होते हुये भी परीक्षा में सम्मिलित न होने वाले परीक्षार्थी को अनुत्तीर्ण माना जायेगा। इस प्रकार जिस कक्षा में अभ्यर्थी प्रवेश चाहता है कि यदि उसी कक्षा में वह अनुत्तीर्ण हो चुका है अथवा गत वर्ष या उससे पूर्व प्रवेश पा चुका है, परन्तु उसने उस कक्षा की परीक्षा नहीं दी है अथवा परीक्षा फार्म नहीं भरा है या सत्र के मध्य में पढ़ाई छोड़ दी तो उसे प्रवेश नहीं दिया जायेगा। ऐसे छात्र व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा दे सकेंगे। नोट :- यह प्रतिबन्ध उन छात्रों पर लागू नहीं होगा जिन्होंने संस्थागत छात्र के रूप में कोई प्रयोगात्मक विषय लिया हो और पुनः उसी कक्षा/विषय में प्रवेश चाहता हो या जिसे विश्वविद्यालय द्वारा किसी संक्रामक रोग के कारण परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया हो अथवा जिन्होंने भूतपूर्व छात्र या व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा सम्मिलित होने की सुविधा न हो।
  3. जो अभ्यर्थी इण्टरमीडिएट की परीक्षा में एक से अधिक बार अनुत्तीर्ण होने के बाद उत्तीर्ण होकर प्रवेश चाहते है। उन्हें प्रवेश नहीं दिया जायेगा। एक बार अनुत्तीर्ण होने के बाद उत्तीर्ण होकर प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थियों को प्रवेशाथिर्यों के प्रवेश के बाद स्थान रिक्त होने पर ही प्रवेश मिलेगा।
  4. ऐसे छात्र जिन्होंने स्नातक प्रथम/द्वितीय वर्ष की परीक्षा व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में उत्तीर्ण की हो, वह द्वितीय/तृतीय वर्ष में संस्थागत छात्र के रूप में प्रवेश पाने का अधिकारी तभी होगा जब उसने प्रथम/द्वितीय वर्ष में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक अवश्य प्राप्त किये हों।
  5. जो अभ्यर्थी स्नातक उपाधि की प्रथम/द्वितीय वर्ष की कक्षाओें में अनुत्तीर्ण हुये हों और जिन्होंने पुनः परीक्षा के लिये आवेदन किया हो उसी उपाधि की क्रमशः द्वितीय/तृतीय वर्ष की कक्षा में अपने महाविद्यालय में डॉ0 भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा की हस्तपुस्तिका के अध्याय...........के अध्यादेश 3-ए पुनःपरीक्षा के प्रावधानों के अन्तगर्त अनन्तिम (प्रोवीजनल) रूप से प्रवेश ले सकेंगे। पुनः परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर उनका अनन्तिम प्रवेश नियमित माना जायेगा।
  6. प्राचार्य को प्रवेश के मामलों में डॉ0 भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा की विवरण-पुस्तिका के अध्याय - 19 के नीचे उद्धृत अध्यादेश 2-ए के अनुसार कर्तव्य और अधिकार होंगे-

    “Subject to the order issued under sub-section (4) of section 28 of the Act, the principal shall be the sole authority to admit or refuse to admit any application to any class in his college. He shall however, duly and strictly, follow the norms and principles, if any laid down by the university and such other directions, as may be given to him from time to time by the university. Provided that the Principal may, at his discretion, refuse to admit a candidate even if he is entitled for admission according to norms and principles laid down by the University and shall report all such cases to the admission committee forth with.

    स्पष्टीकरण :- उदाहरणार्थ निम्नलिखित परिस्थितियों में प्रवेश देने से इंकार किया जा सकता है

    1. यदि अभ्यर्थी किसी शिक्षा संस्थान में अनुशासनहीनता के आरोप में दोष पाया गया है |
    2. यदि अभ्यर्थी किसी भी माननीय न्यायालय द्वारा नैतिक अपराध में दण्डित किया गया हो या शासन द्वारा किसी अपराध में पंजीकृत किया हो और न्यायालय में निणर्य के लिए विचाराधीन हो।
  7. ऐसे अभ्यर्थी जिनका परीक्षाफल विश्वविद्यालय द्वारा रोका गया हो, परीक्षाफल घेषित होने के 15 दिन तक प्रवेश ले सकेंगे (यदि कक्षा में स्थान उपलब्ध हो) परन्तु इन कक्षाओं में 31 अक्टूबर के बाद कोई प्रवेश अनुमन्य नहीं होगा।
  8. प्रवेश के इच्छुक समस्त अभ्यार्थी सम्बन्धित अर्हपरीक्षा का परिणाम डॉ० भीमराव अम्बेडकर विशवविद्यालय, आगरा द्वारा घोषित होने पर अंक तालिका के निर्गत होने के दिनांक से १५ दिन के अन्दर निर्धारित शुल्क जमा करके प्रवेश ले सकेंगे।
  9. ऐसे समस्त छात्र जिनका परीक्षाफल किन्हीं कारणों से अघोषित है अपने परीक्षाफल घोषित होने की तिथि से ३० दिन की अवधि के अन्तर्गत अपने महाविद्यालय में अस्थायी (प्रोवीजनल) प्रवेश ले सकेंगे। परन्तु इन कक्षाओं में २८ फरवरी के बाद कोई प्रवेश अनुमन्य नहीं होगा।
  10. यदि अभ्यर्थी निर्धारित अवधि में शुल्क जमा नहीं करेगा तो उसके स्थान पर प्रतीक्षा-सूची में से प्रवेश किया जायेगा और प्रतीक्षा-सूची में नाम होने की सूचना पहले ही दिये जाने के फलस्वरूप प्रवेश-प्रक्रिया पूरी करने के लिए केवल ५ दिन का ही समय दिया जायेगा।
  11. महाविद्यालय में स्नातक प्रथम वर्ष की सभी कक्षाओं में प्रवेश योग्यता के आधार पर किये जायेगें। निर्धारित मानकों के आधार पर सभी श्रेणियों के लिए पृथक-पृथक योग्यता-सूची बनायी जाऐगी। ऐसी सूचियों में ३० प्रतिशत अभ्यर्थी प्रतीक्षा-सूची में सम्मिलित छात्र भी होगें जिनको योग्यता क्रमानुसार प्रवेश दिये जायेगे किन्तु प्रवेश में आरक्षण सम्बन्धी शासनादेश संख्या २६३८/१५-१०-९४/१५ (६६)/८९ दिनांक ३०-०७-१९९४ में उल्लिखित प्रावधानों का अनुपालन करना होगा।
  12. संस्थागत छात्र को किसी भी ऐसे विषय या प्रशन-प्रत्र को लेने की अनुमति नहीं दी जायेगी जिसको महाविद्यालय में पढ़ाने की व्यवस्था नहीं है अथवा जिसको शासन/विशवविद्यालय द्वारा मान्यता प्रदान नहीं की गई है।
  13. प्रवेश हेतु सूचना कॉलेज सूचना-पट (नोटिस बोर्ड) पर लगा दी जायगी। आवेदक को प्रवेश हेतु कम से कम ७ दिन का समय दिया जायेगा।
  14. नोट :-

    1. अभ्यर्थी का यह दायित्व होगा कि वह महाविद्यालय में अपने प्रवेश के सम्बन्ध में निरन्तर सम्पर्क करता रहे और सूचना-पट पर दी गयी सूचनाओं की प्रधावधिक (अप टू डेट) जानकारी रखे ताकि निर्धारित अवधि के भीतर प्रवेश ले सकें।
    2. प्रवेश के इच्छुक प्रत्येक अभ्यर्थी का यह भी दायित्व होगा कि वह विवरण पुस्तिका में दिये गये नियमों और विशवविद्यालयों के अन्य सम्बन्धित नियमों को भली-भांति पढ़ लें। उनका यह भी दायित्व होगा कि वह यह सुनिश्चित कर लें कि उनका प्रवेश किसी दृष्टिकोण से नियमों के प्रतिकूल तो नहीं हुआ है। अनका यह भी दायित्व होगा कि उन्होंने प्रवेश हेतु असत्य अथवा भ्रामक अंकतालिका के माध्यम से तो प्रवेश लेने की कोशिश नहीं की है। नियमों के प्रतिकूल किये गये प्रवेश विशवविद्यालय द्वारा निरस्त किये जाने की दशा में उत्तरदायित्व सर्वथा अभ्यर्थी का ही होगा।
  15. स्नातक कक्षाओं के द्वितीय,तृतीय वर्ष में उससे सम्बन्धित पिछले वर्ष की कक्षाओं में उत्तीर्णी होने वाले छात्रों को ही प्रवेश मिलेगा यदि उनका प्रवेश किन्हीं अन्य नियमों के अन्तर्गत प्रतिबन्धित न हों।
  16. प्रत्येक कक्षा में २१ प्रतिशत स्थान अनुसूचित जातियों २७ प्रतिशत स्थान पिछड़ी जातियों, २ प्रतिशत स्थान अनुसूचित जन-जातियों तथा कुल सीटों का २ प्रतिशत विकलॉगों या स्वतंत्रा संग्राम सेनानी आश्रितों के लिए आरक्षित होगें। विकलांगता के लिए जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी का प्रमाण पत्र ही मान्य होगा |
  17. स्नातक प्रथम वर्ष की कक्षाओं में प्रवेश योग्यता क्रम के अनुसार ही दिये जायेंगे जिसके लिए योग्यता सूची, शैक्षणिक एवं अविरिक्त अंकों के आधार पर तैयार होगी। योग्यता सूची निम्नवत्‌ तैयार होगी-

प्रवेशार्थ शैक्षणिक अंक


  1. हाईस्कूल या समकक्ष परीक्षा में प्राप्तांकों का ५० प्रतिशत।
  2. इण्टरमीडिएट परीक्षा में प्राप्तांकों का शतप्रतिशत।
  3. गेप के प्रतिवर्ष(अधिकतम २ वर्ष) के प्रवेशार्थ अंकों से ५ अंक(अधिकतम १० अंक) की कटौती की जाएगी।
  4. विज्ञानं वर्ग से उत्तीर्ण इंटरमीडिएट से स्नातक(कला) में प्रवेश के समय १५ अंकों की कटौती की जाएगी।
  5. इण्टरमीडिएट से स्नातक (वाणिज्य) में प्रवेश विश्वविध्यालय के नियामानुसार दिया जायेगा।

अतिरिक्त अंक (अधिकतम १७ अंक)

अर्ह अधिभार अंक जिसे प्रवेशार्थी को स्वयं जोड़कर आवेदन पत्र में भरना है शैक्षणिक योग्यता अंको के साथ निम्नलिखित अंको को जोड़कर योग्यता-सूची बनेगी | प्रतिबन्ध है कि अतिरिक्त अंको कुल योग १७ अंको से अधिक नहीं होगा-

१. क्षेत्रीय स्तर की टीम के सदस्य के रूप में राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए ५ अंक
2. एन०सी०सी०, ''सी'' सर्टीफिकेट/जी-२ उत्तीर्ण कैडेटों को, जिन्होने ३६० घण्टे कार्य किया और दो शिविरों (कैम्पों) में भाग लिया है। ८ अंक
3.एन०सी०सी० ''बी'' सर्टीफिकेट/जी-१ प्रमाण पत्र धारक कैडेटों को, जिन्होने ३६० घण्टे कार्य किया और एक शिविरों (कैम्प) में भाग लिया है। ६ अंक
4. एन०सी०सी० कैडेटों, जिन्होंने २४० घण्टे कार्य किया है और दो शिविरों (कैम्पों) में भाग लिया है। लेकिन कोई परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की है। ३ अंक
5. स्वतन्त्रता सेनानी के पुत्र/पुत्री (अविवाहित) अथवा पौत्र/पौत्री ५ अंक
6. एन०एस०एस० में २४० घण्टे कार्य तथा कम से कम एक दस दिवसीय शिविर में भाग लिया है। ५ अंक
7. परिवार कल्याण (फैमिली प्लानिंग) के अन्तर्गत प्राप्त कार्ड धारक के पुत्र/पुत्री (अतिवाहित) ५ अंक
नोट :- उपर्युक्त (१) से (७) के सन्दर्भ में शासन के खेलकूद अधिकारी द्वारा दिया हुआ प्रमाण-पत्र अथवा विशवविद्यालय खेलकूद अधिकारी (र्स्पोट्स काउन्सिल कमेटी के अध्यक्ष) द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित/ एन०सी०सी० अधिकारी/एन०सी०सी० समन्वयक द्वारा निर्गत प्रमाण-पत्र ही मान्य होगा।
8. डॉ भीमराव अम्बेडकर विशवविद्यालय, आगरा और उससे सम्बन्ध महाविद्यालयों में सेवारत/स्व-वित्त्पोच्चित संस्थान के अनुबन्ध के अनुबन्धित प्रवक्ता/अवकाश प्राप्त केवल स्थायी प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों के पुत्र, पुत्री, स्वयं, पति, पत्नी, भाई, बहिन (अविवाहित) जो उन पर आश्रित हों। १७ अंक
9. भारतीय सेना में सेवारत अथवा अवकाश प्राप्त अधिकारियों या अन्य रैंक के केवल पति-पत्नी, पुत्र, पुत्री (अविवाहित) १० अंक
10. कारगिल के आपरेशन-विजय के शहीदों के पुत्र, पुत्री, विधवाओं के प्रवेश के लिए १७ अंक

टिप्पणी :- प्रत्येक अभ्यर्थी अपने अवेदन-पत्र में शैक्षणिक एवं अतिरिक्त अनुमन्य अंको की प्रमाणिकता की घोषणा स्वयं करेगा यदि यह घोषणा गलत पाई गई तो उसकी पात्रता निरस्त कर दी जायेगी।

नोट :- किसी व्यक्ति की सेवानिवृत्ति से पूर्व मृत्यु होने की दशा में इस नियम के अन्तर्गत उसको उस समय तक सेवारत समझा जायेगा जब तक वह सेवा में रहने का अधिकारी था।

महाविद्यालय में प्रवेश के आयोग्य प्रवेशार्थी


  1. जो अभ्यर्थी किसी शिक्षा-संस्था में अनुशासनहीनता अथवा परीक्षा में अनुचित साधन के आरोप में दोषी पाया गया हो।
  2. यदि अभ्यर्थी के विरूद्ध माननीय न्यायलय में कोई फौजदारी मुकदमा चलाया जा चुका हो, विचाराधीन हो अथवा नैतिक अपराध मे दण्डित किया गया हो शासन द्वारा किसी अपराध में पंजीकृत हो।
  3. इससे पूर्व अभ्यर्थी का प्रवेश दूसरे महाविद्यालय में अस्वीकृत किया गया हो।
  4. अभ्यर्थी बोर्ड अथवा विशवविद्यालय की कोई अन्य परीक्षा इसी सत्र में दे रहा हो।
  5. शास्तामण्डल की दृष्टि में अभ्यर्थी की गतिविधियॉ अवांछनीय हों।
  6. बिना कारण बताये हुये भी किसी प्रवेशार्थी को प्रवेश देने से इंकार किया जा सकता है।

प्रवेश आवेदन पत्र भरते समय ध्यान रखने योग्य बातें


  1. आवेदन पत्र की सभी प्रविष्टियों को सुस्पष्ट रूप से भरें। जिन प्रविष्टियों से उनका कोई सम्बन्ध नहीं है, अथवा जिनकी सूचना देना आवश्यक नहीं है उन कॉलमों में क्रास का चिह्‌न लगा दें।
  2. प्रवेश आवेदन पत्र में अपना वही नाम अंकित करें जो उनके हाईस्कूल प्रमाण-पत्र में है।
  3. अविवाहित महिला प्रवेशार्थी अपने नाम से पूर्व 'कु' तथा विवहित माहिला प्रवेशार्थी 'श्रीमति' शब्द का प्रयोग अवश्य करें।
  4. जन्मतिथि हाईस्कूल प्रमाण-पत्र के आधार पर ईस्वी सन्‌ में, शब्दों में एवं अंकों में सुस्पष्ट रूप से अंकित करें।
  5. प्रवेश फार्म जमा करते समय प्रमाण-पत्र की सत्यापित प्रतियॉ लगायें। योग्यता सूची में नाम आने पर साक्षात्कार के समय सभी मूल प्रमाण-पत्र दिखायें और स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र (टी०सी) तथा चरित्र प्रमाण पत्र की मूल प्रतियॉ जमा करें।
  6. सभी प्रवेशार्थी अपना पासपोर्ट आकार का नवीनतम छायाचित्र आवेदन पत्र, शास्तामण्डल तथा पुस्तकालय प्रपत्र पर यथास्थान चिपकायें। साक्षात्कार के समय दो अतिरिक्त फोटो लिफाफे में लेकर आयें।

प्रवेश आवेदन में संलग्न किये जाने वाले प्रमाणपत्र


  1. जन्मतिथि के लिए हाईस्कूल का सत्यापित प्रमाण-पत्र।
  2. हाईस्कूल तथा इण्टरमीडिएट की सत्यापित अंकतालिकाऍ।
  3. स्नातक द्वितीय तथा तृतीय वर्ष में प्रवेशार्थी अपनी पूर्व परीक्षा की अंकतालिका।
  4. पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति एवं अनूसूचित जनजाति के प्रवेशार्थी जाति प्रमाण-पत्र की सत्यापित प्रति संलग्न करें।
  5. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के प्रवेशार्थी जाति प्रमाण-पत्र की सत्यापित प्रति संलग्न करें।
  6. अतिरिक्त अंकों से सम्बन्धित सभी प्रमाण-पत्रों की सत्यापित प्रति।

मुख्य शास्तामण्डल एवं तत्सम्बन्धित आचरण संहिता


महाविद्यालय में विद्यार्थियों की देखरेख करने, प्रशासन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने एवं छात्र छात्राओं को स्वतः अनुशासनबद्ध रहने की प्रेरणा देने के लिए शास्तामण्डल का गठन किया गया है, जिसके प्रत्येक नियम एवं आचार संहिता के अनुसार आचरण प्रत्येक छात्र-छात्रा का अनिवार्य धर्म है। जो छात्र-छात्रा इन नियमों का उल्लघंन कर शास्तामण्डल के निर्देशों का अनुपालन नही करेंगें उनके अभिभावकों को शास्तामण्डल की संस्तुति पर प्राचार्य कभी भी महाविद्यालय में बुला सकते हैं और सम्बन्धित विध्यार्थी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही कर महाविद्यालय से निष्कासित कर सकते हैं। नियम निम्नवत् है:-

  1. सभी छात्र छात्राओं को निर्धारित गणवेश में आना अनिवार्य है | छात्राओं के लिये ग्रे (स्लेटी) कुर्ता, सफेद दुपट्टा एवं सफेद सलवार एवं छात्रों के लिये सफेद शर्ट, ग्रे पेन्ट निर्धारित है। सर्दियों में काला स्वेटर अनिवार्य है। छात्र-छात्राओं का यूनीफॉर्म में आना अनिवार्य है अन्यथा महाविद्यालय से निष्कासित किया जायेगा।
  2. प्रवेश के बाद शास्तामण्डल प्रत्येक छात्र/छात्राओं को एक परिचय-पत्र निर्गत करेगा। जिसे उन्हें महाविद्यालय आते समय परिसर में तथा कोई यात्रा करते समय सदैव अपने पास रखना अनिवार्य है।
  3. यदि अर्ह परीक्षा पास करने तथा प्रवेश के लिये आवेदन करने के मध्य 2 वर्ष से अधिक का अन्तराल (गपै ) होगा तो ऐसे अभ्यर्थी को प्रवेश नहीं दिया जा सकता है।
  4. समय-समय पर विद्यार्थियों के परिचय पत्रों का निरीक्षण किया जायेगा। निरीक्षण के समय परिचय-पत्र न पाये जाने पर उन्हें आर्थिक दण्ड दिया जा सकता है अथवा कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकती है।
  5. यदि कोई विद्यार्थी महाविद्यालय परिसर अथवा कक्षा में किसी बाहरी व्यक्ति अथवा आवांछनीय तत्वों को अपने साथ लाता है तो उसे दण्डित किया जा सकता है ।
  6. किसी विद्यार्थी द्वारा महाविद्यालय परिसर में अस्त्र-शस्त्र लेकर आने पर उसे निष्कासित किया जा सकता है ।
  7. कक्षा में ऐसी कोई व्यवस्था उत्पन्न करने पर जिससे अध्ययन-अध्यापन में व्यवधान उत्पन्न होता है, सम्बन्धित दोषी विद्यार्थी को महाविद्यालय से निष्कासित किया जा सकता है।
  8. अपने विषय के अतिरिक्त किसी अन्य विषय की कक्षा में किसी भी विद्यार्थी को बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  9. समस्त छात्र-छात्राओं का प्रवेश अस्थाई रूप से किया जाता है। प्रवेश पंजीकरण के बाद छात्र से सम्बन्धित थाना प्रभारी अथवा पूर्व संस्था के प्राचार्य से ऐसी सूचना मिलने पर जो उसे अवांछनीय और अनुशासनहीन सिद्ध करती हों उसका प्रवेश तुरन्त निरस्त कर बिना बताये निष्कासित कर दिया जायेगा।
  10. महाविद्यालय की प्रगति और विकास में योगदान करना प्रत्येक विद्यार्थी का दायित्व है। इस परिप्रेक्ष्य में कोई छात्र महाविद्यालय की सम्पत्ति नष्ट करता है सौन्दर्य को विनष्ट करता है तो उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
  11. कोई विद्यार्थी महाविद्यालय परिसर में धूम्रपान तथा मादक पदार्थ का सेवन नहीं करेगा।
  12. प्रत्येक विद्यार्थी अपने गुरूजन एवं सहाध्यायियों से विनम्रतापूर्वक व्यवहार करेगा।
  13. कोई भी विद्यार्थी दलगत राजनीति, आन्दोलन, हिंसात्मक कार्यवाहियों में भाग नहीं लेगा और न ही अन्य किसी को उकसायेगा। अपनी समस्याओं के सम्बन्ध में विनम्रतापूर्वक प्राचार्य अथवा गुरूजन के समक्ष अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा।
  14. जो विद्यार्थी किसी प्रकार के अनैतिक आचरण के दोषी पाये जायगें ,उन्हें महाविद्यालय से शुल्क मुक्ति पुस्तकीय सहायता, छात्रवृत्ति, निधर्न छात्र सहायता, बकु बकैं आदि की सहायता नहीं दी जाएगी। यदि सुविधा मिल चुकी होगी तो तत्काल समाप्त कर दी जाएगी। ऐसे विद्यार्थी किसी परिषद् आदि के पदाधिकारी भी नहीं रह सकगें ।
  15. ऐसे छात्र-छात्रायें जो 15 दिन तक निरन्तर कक्षा में अनूपस्थित रहते हों प्राचार्य द्वारा उनके प्रवेश निरस्त किया जा सकता हैं